Dr. Subodhkant Mishra, Assistant Professor at the Centre for Indic Studies, Indus University in Ahmedabad, holds a Ph.D in Sanskrit from Banaras Hindu University and a master’s degree in Sanskrit Dharmashashtra from University of Delhi. He has successfully qualified for the UGC NET/JRF in both Sanskrit and Hindu Studies. He was also a doctoral fellow at Indian Council of Philosophical Research (ICPR), New Delhi. His learning passion lies in the fields of Sanskrit, Smritis, Dharmashastras and Hindu studies.


कुम्भ: प्रयाग-पुण्य और परम्परा

Subodhkant Mishra
कुंभ मेला भारत में सनातन परंपरा का सबसे बड़ा आयोजन है, जो आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और...

पितृ पक्ष: अवधारणा और पद्धति

Subodhkant Mishra
श्राद्ध संबंधी साहित्य विशाल है। वैदिक संहिताओं से लेकर आधुनिक टीकाओं एवं निबन्धों तक में...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ध्येय: ‘पंच-परिवर्तन’ से राष्ट्रीय पुनर्निर्माण

Subodhkant Mishra
इस पंच परिवर्तन में पांच आयाम शामिल किए गए हैं - (1) स्व का बोध...

कुम्भ: प्रयाग-पुण्य और परम्परा

Subodhkant Mishra
कुंभ मेला भारत में सनातन परंपरा का सबसे बड़ा आयोजन है, जो आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ध्येय: ‘पंच-परिवर्तन’ से राष्ट्रीय पुनर्निर्माण

Subodhkant Mishra
इस पंच परिवर्तन में पांच आयाम शामिल किए गए हैं - (1) स्व का बोध...

पितृ पक्ष: अवधारणा और पद्धति

Subodhkant Mishra
श्राद्ध संबंधी साहित्य विशाल है। वैदिक संहिताओं से लेकर आधुनिक टीकाओं एवं निबन्धों तक में...