1983 में बिहार के कटिहार जिला में जन्में डॉ. प्रकाश कुमार पोद्दार ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा कटिहार के केबी झा कॉलेज से प्राप्त की है। स्नातक (हिन्दी) की पढ़ाई 2004 में दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से उत्तीर्ण होने के बाद 2004-2011 तक दिल्ली के निजी संस्थानों में कार्यरत रहे और पारिवारिक जिम्मेदारियों का सफलता पूर्वक निर्वहन किया। 2014 में दिल्ली विश्वविद्यालय से ही स्नाकोत्तर (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की है। 2017 में गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय से ‘इक्कीसवीं सदी के हिंदी सिनेमा में सहजीवन (लिव-इन-रिलेशनशिप) संबंधों का अनुशीलन (चयनित फिल्मों के विशेष सन्दर्भ में) विषय पर एमफिल एवं 2022 में यूजीसी के कनिष्ट एवं वरिष्ट शोधवृत्ति के साथ ‘सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में राजभाषा कार्यान्वयन का अध्ययन (गुजरात राज्य में स्थित प्रमुख बैंकों के सन्दर्भ में) विषय पर डॉक्टोरेट की उपाधि प्राप्त की है। आप हिंदी के अलावा अंग्रेजी, मैथिलि, भोजपुरी, मगही, गुजराती जानते हैं। आपका एक द्विभाषी काव्य-संग्रह ‘गरिमामय शब्दातीत पूनो’ 2019 में प्रकाशित हो चुकी है। कई पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में आपके आलेख प्रकाशित हो चुके हैं और कुछ प्रकाशनाधीन हैं। शतरंज आपका प्रिय खेल है जिसमें महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर आप पुरस्कृत हो चुके हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय स्तर पर आप आशुभाषण, वाद-विवाद, काव्यानुवाद (अंग्रेजी से हिन्दी), शब्द-निर्माण आदि जैसे प्रतियोगिताओं में भी अपना सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन दिया है। वर्तमान में, भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत 2023 से सेंटर फ़ोर इंडिक स्टडीस (इंडस यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद) में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं।


रामभक्त कवि शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदासजी: व्यक्तित्व एवं कृतित्व

Prakash Kumar Poddar
कबीर, सूर आदि अन्य मध्ययुगीन कवियों की भाँति हिंदी जगत् में और विशेषकर उत्तर भारत...

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