Home

Login

Login with Google

Sale!

Natyashastra (Hindi)

2,150.00

Courses Included
Category:

Description

पाठ्यक्रम परिचय

नाट्यशास्त्र भारत तथा सम्पूर्ण विश्व में नाटक, नृत्यकला, संगीतकला, मंचकला तथा ललित कलाओं का अतिशय महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसलिए इसे पंचम वेद भी कहते हैं। नाट्यशास्त्र में भरत मुनि द्वारा प्रदत्त रसशास्त्र के सिद्धांत भारतीय इतिहास की यात्रा में विभिन्न कलाओं का आधार बनकर उभरे।
यह पाठ्यक्रम छात्रों को नाट्यशास्त्र की संरचना को 13 अध्यायों में विभाजित करके उसके विभिन्न पक्षों, उसकी परम्परा तथा भारत में नाट्यकला के क्रमिक विकास को स्पष्ट ढंग से व्याख्यायित करेगा।

 

आप क्या सिखेंगे
पाठ्यक्रम में समाहित होगा:
• नाट्यशास्त्र का उद्भव, नाट्य मंचन, नाट्यशास्त्र के विभिन्न अध्यायों के विषय, नाटक के प्रकार, प्राचीन भारतीय नाट्यशाला, नाटक के तत्व, नाट्यशास्त्र में वर्णित नाट्यकरण, नाट्यशास्त्र की तिथि, मंचन से पूर्व का अभिनय, रस का अतिमहत्वपूर्ण सिद्धांत, विभिन्न भाव मुद्रायें, शास्त्रीय तथा आधुनिक विभिन्न भाष्यकारों के भाष्य ।
• नाट्यशास्त्र तथा इसकी परम्परा क्यों विशिष्ट है! आप इसे समझेंगे। नाट्यशास्त्र के विभिन्न अंग तथा अध्याय हमें क्या सिखाते हैं, इनका उद्भव कब हुआ तथा यह कितना प्राचीन है? आप इसमें विभिन्न प्रकार के नाट्य मंचन के साथ-साथ प्राचीन भारत की नाट्यशालाओं के बारे में भी सिखेंगे।
• नट कौन है, अभिनय क्या है तथा नाट्य मंचन के अभिनय का उद्देश्य क्या है! आप यह सब इसमें सिखेंगे? इस पाठ्यक्रम में आप यूरोपीय नाटकों तथा भारतीय नाटकों के बीच समानता तथा विभेद के तत्वों को भी जान पायेंगे।
• आप पहली बार नाट्यशास्त्र में वर्णित 108 करणों के बारे में जानेंगे। नाट्यशास्त्र ने करणों के वर्णन के माध्यम से विभिन्न भारतीय कलाओं जैसे मूर्तिकला, चित्रकला, नृत्यकला इत्यादि को प्रभावित किया है।
• वास्तविक मंचन से पहले किये जाने वाले अभिनय को पूर्वरंग कहते हैं जिसके विभिन्न चरण हैं, इसे भी आप जानेंगे। रस सिद्धांत जो कि सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्राचीन भारतीय कलाओं तथा सौंदर्यशास्त्र का एक ऐसा सिद्धांत है जिसने भारतीय कलाओं को परिभाषित किया तथा उत्कृष्ट दिशा प्रदान की।
• आप यह भी जान सकेंगे कि विभिन्न भाष्यकार नाट्य के बारे में क्या कहते हैं तथा धार्मिक मूल्यों के आधार पर भिन्न-भिन्न कलायें कैसे परिभाषित की जाती थीं।

 

आपको क्या मिलेगा

• संदर्भ सामग्री जैसे लेख, ऑनलाइन चर्चा और पुस्तकों और वीडियो के लिंक।
• इंडस विश्वविद्यालय प्रमाणपत्र, यह प्रमाणित करने के लिए कि आपने इस पाठ्यक्रम को पूरा कर लिया है और उत्तीर्ण कर लिया है।
• मेधावी छात्रों को विभिन्न Indian Knowledge System (sponsored by Ministry of Education) परियोजनाओं पर काम करने का अवसर।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Natyashastra (Hindi)”
X