इतिहास की भारतीय अवधारणा
प्रस्तुत समग्र विश्लेषण से अब यह बात निश्चित है की भारत में ‘इतिहास लेखन विधा’ का प्रचलन था | केवल इस विधा की शैली भिन्न है, इतिहास का अर्थ एवं विचार भिन्न है | यही कारण है कि आधुनिक इतिहास लेखन विधाने भारतीय इतिहास को शास्त्रीय स्थान प्रदान नहीं किया है | किन्तु राष्ट्र का स्वभाव, लोकमानस,चित्त एवं परम्पराओं का विचार करते हुए धर्म के आधार पर लिखी गई नैतिकता की कथाएँ यह भारत का इतिहास है | इसमें मूल्यों के विश्लेषण हेतु स्थान, काल, व्यक्ति एवं घटनाओं का प्रयोजन है | अर्थात ‘इतिहास’ यह भारत की अपनी परम्परा है |
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